वो दुर्लभ सौभाग्य था, मिले जो राम स्वरूप।
मेरे हृदय बसी रहे, सुंदर छवि अनूप।।
मेरे सच्चे प्रेरणास्रोत, मेरे आदर्श , मेरे नानाजी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
आपका असमय हमें छोड़कर चले जाना बहुत पीड़ा देता है।आपकी सेवा न कर पाने का दुःख आज भी हृदय विदीर्ण कर देता है। 'संभवतः ईश्वर की ऐसी ही इच्छा हो" मानकर संतोष करना पड़ता है।
आपके दिये हुए उच्च संस्कार,आपके उपकार और आपका जीवन चरित्र वे अमूल्य धरोहरें हैं जो सदा हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी।
ओम् शांति: शांति: शांति:।
🙏
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