Bhikshuk Mahadani
एक वृद्ध भारतीय नारी 
जो वर्षों से भिक्षा माँगकर 
निर्वाह करती थी
मृत्यु से पहले
अपने जीवन भर की जमा पूँजी
भारतीय सेना के नाम कर गयी

पूरे ६ लाख का दान
और वो महादान बन गया 
क्योंकि इतना धन
दान करने से पहले ही
बड़े-बड़े धनिक
दरिद्र हो जाया करते हैं 
किन्तु वो दरिद्र होकर भी
धन्य हो गयीं

इतने धन से
वृद्धावस्था में 
आराम से 
निर्वाह हो सकता था
किन्तु उस वृद्ध माँ ने भी
राष्ट्र के प्रति
अपनी निष्ठा का
परिचय दिया है
और यही निष्ठा
भारतीय संस्कृति की
आत्मा है
जो हर हाल में 
राष्ट्र के प्रति समर्पण को
प्रेरित करती है



आज वो हमारे बीच नहीं हैं
कोटिशः नमन 


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